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サマリー
あらすじ・解説
Geeta Gyaan Prabha Adhyay 14 Part 5
गीता ज्ञान प्रभा अध्याय १4 भाग ५
मध्य प्रदेश के, नरसिंगपुर जिले, की माटी के, मूर्धन्य साहित्यकार, स्वर्गीय डॉक्टर रमेश कुमार बुधौलियाजी, द्वारा रचित, गीता ज्ञान प्रभा ,’ग्रंथ एक अमूल्य ,धार्मिक ,साहित्यिक, धरोहर है, जिसमे डॉक्टर साहब द्वारा, ज्ञानेश्वरीजी महाराज रचित, ज्ञानेश्वरी गीता ,का भावानुवाद किया है
श्रीमद्भगवतगीता के, 700 संस्कृत श्लोकों को, गीता ज्ञान प्रभा में, 2868 विलक्ष्ण छंदों में ,समेटा गया है।
उन्ही के द्वारा रचित, श्रीमद्भगवत गीता महाकाव्य की, छंदोंमयी श्रंखला, ‘गीता ज्ञान प्रभा धारावाहिक की,अग्रिम कड़ी .