
Never Judge A Book by It's Cover
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Never Judge A Book by It's Cover - कहानी जो अपने शीर्षक को सार्थक करते हुए | आपको एक अलग सन्देश देती हैं | क्योंकि रोज Ubali Huee Gobhi Aur Dabalroti खाना - कोई खाला जी का बाड़ा नहीं हैं | वो कहते हैं ना | की "खुद को जलाना पड़ता हैं सूरज बनने के लिए | धूप और रौशनी कोई दान में नहीं देता" | कुछ यही कहानी थी की ऑफिस में काम करने वाला मदन लगातार दिनों, हफ़्तों और महीनों तक लंच में उबली हुई गोभी और सादी डबलरोटी का सेवन कर | खुद को तपाता रहा | और फिर कैसे अचानक एकदिन जीवन में सबकुछ बदल गया | आपसे निवेदन हैं की इस कहानी को अंत तक सुने और दोस्तों में शेयर करें | और मुझसे जुड़ने हेतु निम्नलिखित लिंक को फॉलो करें |
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