कुछ टिकट मेरे जीवन में धरे के धरे रह गए। उन पर मैने यात्रा नहीं की। कभी–कभी सोचता हूं यदि कर ली होती तो जीवन क्या होता? क्या मैं वही आदमी रहता जो अब हूं?
कुछ टिकट मेरे जीवन में धरे के धरे रह गए। उन पर मैने यात्रा नहीं की। कभी–कभी सोचता हूं यदि कर ली होती तो जीवन क्या होता? क्या मैं वही आदमी रहता जो अब हूं?