エピソード

  • Gopi Bhava or Manjari Bhava- which is higher?
    2023/10/06

    शास्त्रों से प्राप्त होता है कि लक्ष्मी जी, श्रीनारायण की वक्ष निवासिनी भी गोपी बनने की तपस्या करती हैं । इसी से‌ स्पष्ट होता है कि गोपी भाव कितना श्रेष्ठ है...!!

    किन्तु गौड़ीय वैष्णव के मूल आचार्य गोपी बनने की कामना भी नहीं करते ।

    इसका क्या कारण है ?

    गोपी भाव या मञ्जरी भाव - क्या श्रेष्ठ है ?


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    7 分
  • We ONLY know and follow Srila Prabhupada…!!
    2023/10/01

    अपनी संस्था के आचार्य के प्रति सम्मान होना चाहिए किन्तु इस आधार पर अपना जीवन व्यतीत करना कि - "हम अपनी संस्था के आचार्य (उदाहरण - श्रील प्रभुपाद) के अलावा किसी के ग्रन्थ नहीं पढ़ते— क्या यह बुद्धिमता है? इस video के द्वारा स्पष्ट किया जा रहा है।


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    6 分
  • Gaudiya Vaishnavism & Iskcon
    2023/09/29

    Iskcon को गौड़ीय वैष्णव संस्था कहा जाता है । किंतु क्या iskcon में भक्ति गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय के अनुसार करी जाती है ?

    क्या iskcon का तिलक और गौड़ीय सम्प्रदाय का तिलक एक समान है ?

    क्या iskcon और गौड़ीय सम्प्रदाय की भोग पद्धति, पञ्चतत्व मन्त्र, दीक्षा मन्त्र, वस्त्र इत्यादि एक समान हैं ?

    वास्तविकता जानिए एवं स्वयं निर्णय कीजिए ।


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    11 分
  • Can a gaudiya vaisnava chant Radha Naam??
    2023/09/27

    सामान्यतः Iskcon भक्तों को राधा नाम लेने के लिए मना किया जाता है ।

    तो क्या गौड़ीय वैष्णव राधा-नाम नहीं ले सकते ?

    गौड़ीय वैष्णवों के मूल आचार्यों का क्या मत है - श्रीश्री 108 शचीनन्दन जी महाराज इस Video में स्पष्ट कर रहे हैं।


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    13 分
  • Bhakti is Jaki upasana, tahi ki vasana
    2023/09/25

    भक्ति विज्ञान है... साथ ही भक्ति अति सरल एवं स्पष्ट है। रसिकजन गाते हैं -

    जाकी उपासना ताहि की वासना

    ताहि के नाम, रूप, गुण गाइये ।

    इस Video में श्रीश्री 108 शचीनन्दन जी महाराज इसका विस्तृत वर्णन देते हैं ।


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    4 分
  • Bhagavad Gita 18.68-18.69
    2023/09/24

    य इदं परमं गुह्यं मद्भक्तेष्वभिधास्यति।

    भक्तिं मयि परां कृत्वा मामेवैष्यत्यसंशयः ॥

    (भगवद् गीता १८.६८)


    भगवद् गीता का यह श्लोक जो Iskcon संस्था का आधार है, उसका वास्तविक अर्थ क्या है ? किस प्रकार भक्त भगवान् का प्रिय बन सकता है ?

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    10 分
  • Are gaudiya vaisnavas qualified to offer Bhoga to the Deities…?
    2023/09/21

    भक्त का अर्थ है कि वह भगवान् को भोग अर्पण तो अवश्य करेगा।

    किन्तु Iskcon में बताया जाता है कि हम भगवान् को सीधे भोग नहीं अर्पण कर सकते क्योंकि हम योग्य नहीं हैं ।

    अतः श्रीप्रभुपाद को निवेदन करते हैं कि वे भोग अर्पण करें ।

    क्या यही सही विधि है ?

    क्या हम भगवान् को भोग अर्पण करने के योग्य नहीं है ?

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    12 分
  • True or false ?....Gaudiya Vaishnava Granthas have no Tattva Gyan ? Have only rasa..
    2023/09/19

    "गौड़ीय ग्रन्थों में केवल रस तत्त्व हैं, उसमें सिद्धान्त के विषय में नहीं बताया गया ।"

    - यह प्रचलित धारणा है ।

    क्या यह वास्तविकता है ?

    श्रीश्री 108 शनीनन्दन जी महाराज इसका स्पष्टीकरण करते हैं ।

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    5 分